The best Side of Shodashi
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
The worship of such deities follows a particular sequence known as Kaadi, Hadi, and Saadi, with Every single goddess associated with a certain approach to devotion and spiritual follow.
पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
From the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered as a pivotal deity in guiding devotees in the direction of Moksha, the final word liberation from the cycle of delivery and Dying.
The Saptamatrika worship is particularly emphasised for people trying to get powers of Command and rule, as well as for anyone aspiring to spiritual liberation.
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
She's depicted by using a golden hue, embodying the radiance from the rising Sunlight, and is commonly portrayed with a 3rd eye, indicating her wisdom and Perception.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
Sati was reborn as Parvati for the mountain king Himavat and his wife. There was a rival of gods named Tarakasura who may very well be slain only through the son Shiva and Parvati.
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
Celebrations like Lalita Jayanti spotlight website her importance, where by rituals and choices are created in her honor. The goddess's grace is believed to cleanse previous sins and guide one particular to the last word target of Moksha.
साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥